मनोज कुमार दुबे
जन-जन के कवि गोस्वामी तुलसीदास
महान संत गोस्वामी तुलसीदास को विश्व के श्रेष्ठम कवियों में माना जाता है। उन्होंने श्रीरामचरितमानस की रचना की जो कि अमर काव्यों में से एक है।
# tulsidas
# tulsidas ka jivan parichay
# tulsidas ki rachnaye
# tulsidas biography
महान संत गोस्वामी तुलसीदास को विश्व के श्रेष्ठम कवियों में माना जाता है। उन्होंने श्रीरामचरितमानस की रचना की जो कि अमर काव्यों में से एक है। गोस्वामी तुलसीदास ने 12 पुस्तकों की रचना की, लेकिन सबसे अधिक ख्याति उनके द्वारा रचित श्रीरामचरितमानस को मिली। इस महान ग्रंथ की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी ने अवधी भाषा में की। यह भाषा जन-साधारण की भाषा है। इसीलिए उन्हें जन-जन का कवि कहा जाता है।
गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रचनाओं और दोहों में जीवन का रहस्य छिपा है। उन्होंने श्री रामचरितमानस के साथ 12 महान ग्रंथों की रचना की। इनमें मुख्य रूप से हनुमान चालीसा, कवितावली, गीतावली, विनय पत्रिका, जानकी मंगल और बरवै रामायण हैं। मान्यता है कि श्री रामचरितमानस का पाठ करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है और परिवार में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के राजापुर गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी था। इनका विवाह रत्नावली से हुआ। पत्नी के उपदेश से उनके मन में वैराग्य उत्पन्न हुआ। गोस्वामी तुलसीदास के गुरु बाबा नरहरिदास थे, जिन्होंने इन्हें दीक्षा दी। माना जाता है कि गोस्वामी तुलसीदासजी ने हनुमान जी एवं श्रीराम-लक्ष्मण के साथ भगवान शिव-पार्वती के साक्षात दर्शन प्राप्त किए थे। कहा जाता है कि जन्म लेने के बाद तुलसीदास रोए नहीं बल्कि उनके मुख से राम शब्द निकला। बाल्यवास्था में इनका नाम रामबोला था। गोस्वामी तुलसीदास ने श्रीरामचरितमानस की रचना दो वर्ष, सात महीने व 26 दिन में पूरी की। यह ग्रंथ लेकर तुलसीदासजी काशी गए। रात में उन्होंने यह ग्रंथ भगवान विश्वनाथ के मंदिर में रख दिया। सुबह जब मंदिर के कपाट खुले तो उस पर लिखा था, सत्यम शिवम सुंदरम्।
नैतिक पत्रकारिता के कट्टर समर्थक, अपने 20 साल के करियर के दौरान भारत के प्रमुख प्रकाशनों के साथ काम करने के बाद अपना मीडिया हाउस- चौपाल न्यूज़ नेटवर्क शुरू किया।
चौपाल चर्चा - Youtube Channel